मित्रो,
आज ही के दिन 28 दिसंबर सन 1911 में जार्ज पंचम नाम का अंग्रेज वायसराय भारत आया था तब रविन्द्र नाथ टेगोर अंग्रेजो की नोकरी करते थे।
रविन्द्र नाथ को वायसराय के सम्मान में कुछ लिखने को कहा गया तब उन्होंने यह जन गण मन लिखा और जब इसे जार्ज पंचम के सामने सुनाया गया तो वह बड़ा खुश हुआ!
प्रश्न: कई लोगों का मानना है कि , ये एक अंग्रेज के अभिवादन में किया जो की गलत था।
आपका क्या कहना है इस बात पर..
अपनी राई जरूर दे..?
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